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भारतीय गौ नस्ल

राठी गाय

राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भागों में गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर में पायी जाती हैं। इस नस्ल की गाय अत्यधिक दूध की वजह से प्रसिद्ध है | गुजरात राज्य में भी राठी गाय बहुत पाली जाती हैं।
राठी गाय की शारीरिक विशेषता
वयस्क राठी गाय का वजन लगभग 280 - 300 किलोग्राम और बैल का 350-350 किलोग्राम होता है । राठी पशु की त्वचा बहोत ही आकर्षक होती है जो भूरा व सफ़ेद या काला व सफ़ेद रंगों के मिश्रण में पायी जाती है।
राठी गाय का दूध उत्पादन
भारतीय गायों में राठी नस्ल एक महत्वपूर्ण दुधारू नस्ल है। यह गाय प्रतिदन 6 -8 लीटर दूध देती है । कही – कहीं इसे 15 लीटर तक दूध देते हुए देखा गया है। राठी नस्ल के बैल बहोत मेहनती होते हैं । इस नस्ल के बैल गरम मौसम में भी लगातार 10 घंटे तक काम करतें हैं . ये रेगिस्तान में भरी - भरकम सामान खींचकर चल सकतें हैं ।

साहिवाल


• मुख्यतः पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार व मध्य प्रदेश में पाया जाता है।
• दुग्ध उत्पादन- ग्रामीण स्थितियों में 1350 किलोग्राम
• व्यावसायिक फार्म की स्थिति में- 2100 किलो ग्राम
• प्रथम प्रजनन की उम्र - 32-36 महीने
• प्रजनन की अवधि में अंतराल - 15 महीने

गीर

• दक्षिण काठियावाड क़े गीर जंगलों में पाये जाते हैं।
• दुग्ध उत्पादन- ग्रामीण स्थितियों में- 900 किलोग्राम
• व्यावसायिक फार्म की स्थिति में- 1600 किलोग्राम

थारपकर

• मुख्यतः जोधपुर, कच्छ व जैसलमेर में पाये जाते हैं
• दुग्ध उत्पादन- ग्रामीण स्थितियों में- 1660 किलोग्राम
• व्यावसायिक फार्म की स्थिति में- 2500 किलोग्राम

लाल सिंधी

• मुख्यतः पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिल नाडु, केरल व उडीसा में पाये जाते हैं।
• दुग्ध उत्पादन- ग्रामीण स्थितियों में- 1100 किलोग्राम
• व्यावसायिक फार्म की स्थिति में- 1900 किलोग्राम

ओन्गोले

• मुख्यतः आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर कृष्णा, गोदावरी व गुन्टूर जिलों में मिलते है।
• दुग्ध उत्पादन- 1500 किलोग्राम
• बैल शक्तिशाली होते है व बैलगाडी ख़ींचने व भारी हल चलाने के काम में उपयोगी होते है।

हरियाणा

• मुख्यतः हरियाणा के करनाल, हिसार व गुडगांव जिलों में व दिल्ली तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में मिलते है।
• दुग्ध उत्पादन- 1140 से 4500 किलोग्राम
• बैल शक्तिशाली होते हैं व सडक़ परिवहन तथा भारी हल चलाने के काम में उपयोगी होते है।

कांकरेज
• मुख्यतः गुजरात में मिलते हैं।
• दुग्ध उत्पादन- ग्रामीण स्थितियों में- 1300 किलोग्राम
• व्यावसायिक फार्म की स्थिति में- 3600 किलोग्राम
• प्रथम बार प्रजनन की उम्र- 36 से 42 महीने
• प्रजनन की अवधि में अंतराल - 15 से 16 महीने
• बैल शक्तिशाली, सक्रिय व तेज़ होते है। हल चलाने व परिवहन के लिये उपयोग किये जा सकते है।

देओनी


• मुख्यतः आंध्र प्रदेश के उत्तर दक्षिणी व दक्षिणी भागों में मिलता है।
• गाय दुग्ध उत्पादन के लिये अच्छी होती है व बैल काम के लिये सही होते हैं।

अमृतमहल

• यह मुख्यतः कर्नाटक में पाई जाती है।
• हल चलाने व आवागमन के लिये आदर्श|

हल्लीकर

• मुख्यतः कर्नाटक के टुमकुर, हासन व मैसूर जिलों में पाई जाती है।

खिल्लार

• मुख्यतः तमिलनाडु के कोयम्बटूर, इरोडे, नमक्कल, करूर व डिंडिगल जिलों में मिलते है।
• हल चलाने व आवागमन हेतु आदर्श। विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हैं।