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केंचुआ खाद निर्माण गृह

03-05-2016

गौ माता की कृपा से केंचुआ खाद निर्माण गृह का निर्माण सारस्वत परिवार के  द्वारा संपन्न हुआ | देशी गायों के गोबर से तैयार इस खाद का उपयोग कृषि सिंचाई की दृष्टी से किसानो के लिए अत्यंत लाभदायक हे तथा इस से रासायनिक उर्वरको से प्राप्त फसलो का उपयोग पर भी अंकुश लगेगा


केंचुआ खाद या वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक हैवर्मी कम्पोस्ट में बदबू नहीं होती है और मक्खी एवं मच्छर नहीं बढ़ते है तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता है। तापमान नियंत्रित रहने से जीवाणु क्रियाशील तथा सक्रिय रहते हैं।वर्मी कम्पोस्ट डेढ़ से दो माह के अंदर तैयार हो जाता है। इसमें 2.5से 3%नाइट्रोजन,1.5 से 2%सल्फर तथा 1.5से 2%पोटाश पाया जाता है।


   केंचुआ और केंचुआ खाद के उपयोग

    

   मिट्टी की दृष्टि से

·    केचुँए से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है।

·    भूमि की जलधारण क्षमता बढ़ती है।

·    भूमि का उपयुक्त तापक्रम बनाये रखने में सहायक।

·    भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होगा।अतः सिंचाई जल की बचत होगी। केचुँए नीचे की मिट्टी ऊपर लाकर उसे उत्तम प्रकार की बनाते हैं।

·    केचुँआ खाद में ह्यूमस भरपूर मात्रा में होने से नाइट्रोजन, फास्फोरस पोटाश एवं अन्य सूक्ष्म द्रव्य पौधों को भरपूर मात्रा में व जल्दी उपलब्ध होते हैं।

·    भूमि में उपयोगी जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है।

   

   कृषकों की दृष्टि से

·    सिंचाई के अंतराल में वृद्धि होती है।

·   रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने के साथ काश्त लागत में कमी आती है।

     

   पर्यावरण की दृष्टि से

·    भूमि के जलस्तर में वृद्धि होती है।

·   मिट्टी खाद्यपदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है।


  अन्य उपयोग

·    केचुँए सेप्राप्त कीमती अमीनों ऐसिड्स एवं एनजाइमस् से दवाये तैयार की जाती है

·   आयुर्वेदिक औषधियां तैयार करने में इसका उपयोग होता है।