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गौमूत्र अर्क सुलभ हुआ गौशाला में

30-04-2017
गौमाता की कृपा से गौमूत्र सयंत्र का कार्य स्म्म्पन हुआ | ओमप्रकाश जी भैया  एंव समस्त भैया परिवार बाप हाल निवासी बेंगलुरु द्वारा  यह गौमूत्र अर्क सयंत्र निर्मित करके संत श्री सुखदेव जी महाराज एंव  नंदनवन गौशाला परिवार को सोंपा | भैया परिवार द्वारा नव निर्मित विशाल कक्ष का लोकार्पर्ण 30 अप्रैल 2017 को समाहरोपुर्वक हुआ जिसमे संत सुखदेव जी महाराज के हाथो समस्त भैया परिवार का सम्मान भी किया गया |

गौमूत्र की उपयोगीता 

गौसेवा दुनिया का सबसे बड़ा तीर्थ है, गौमूत्र गाय के पंच्गाव्यो में से एक गव्य है| गाय के मूत्र से 108 प्रकार की बिमारियों का उपचार संभव है, ऋषियों
  अनुसार गोमूत्र कटु तीक्ष्ण एवं कषाय होता है। इसके गुणों में उष्णता, राष्युकता, अग्निदीपक प्रमुख हैं। गोमूत्र प्लीहा रोगों के निवारण में परम उपयोगी है।

रसायन की दृष्टी से =
                                रासायनिक दृष्टि से देखने पर इसमें नाइट्रोजन, सल्फर, अमोनिया, कॉपर, लौह तत्त्व, यूरिक एसिड, यूरिया, फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैंगनीज, कार्बोलिक एसिड, कैल्सियम, क्लोराइड, नमक,विटामिन बी, ऐ, डी, ई; एंजाइम, लैक्टोज, हिप्पुरिक अम्ल, क्रियेटिनिन, आरम हाइद्रक्साइद मुख्य रूप से पाये जाते हैं।

गौमूत्र के लाभ =
                           
 गोमूत्र में प्रति ऑक्सीकरण की क्षमता के कारण डीएनए को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। गोमूत्र कफ नाशक, शूल गुला, उदर रोग, नेत्र रोग, मूत्राशय के रोग, कष्ठ, कास, श्वास रोग नाशक, शोथ, यकृत रोगों में राम-बाण का काम करता है। चिकित्सा में इसका अन्त: बाह्य एवं वस्ति प्रयोग के रूप में उपयोग किया जाता है। यह अनेक पुराने एवं असाध्य रोगों में परम उपयोगी है। यूरिया मूत्रल, कीटाणु नाशक है। पोटैसियम क्षुधावर्धक, रक्तचाप नियामक है। सोडियम द्रव मात्रा एवं तंत्रिका शक्ति का नियमन करता है। मेगनीसियम एवं कैल्सियम हृदयगति का नियमन करते हैं।