गौचारा
गौ की सेवा यानि गाय को चारा डालना, पानी पिलाना, गाय की पीठ सहलाना, रोगी गाय का ईलाज करवाना आदि करने वाले मनुष्य पुत्र, धन, विद्या, सुख आदि जिस-जिस वस्तु की इच्छा करता है, वे सब उसे प्राप्त हो जाती है, उसके लिए कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं होती. तीर्थ स्थानों में जाकर स्नान दान से जो पुन्य प्राप्त होता है, ब्राह्मणों को भोजन कराने से जिस पुन्य की प्राप्ति होती है, सम्पूर्ण व्रत-उपवास, तपस्या, महादान तथा हरि की आराधना करने पर जो पुन्य प्राप्त होता है, सम्पूर्ण प्रथ्वी की परिक्रमा, सम्पूर्ण वेदों के पढने तथा समस्त यज्ञो के करने से मनुष्य जिस पुन्य को पाता है, वही पुन्य बुद्धिमान पुरुष गौ माता को ग्रास खिलाकर प्राप्त कर लेता है.
नंदनवन गौशाला परिसर में 850 से अधिक गौवंश है और इन सभी गौवंशो के लिए एक गाड़ी हरा चारा 21000 तथा एक गाडी सुखा चारा 51000 है | जो भी गौभक्त गौमाता के लिए चारा दान करना चाहत है वो गौशाला में संपर्क कर के दान कर सकता है अथवा दान राशी दे कर भी सेवा में भागीदार बन सकता है|